Oops! It appears that you have disabled your Javascript. In order for you to see this page as it is meant to appear, we ask that you please re-enable your Javascript!

NCERT Solutions for Class 7th: पाठ – 7 पापा खो गए (नाटक) हिंदी वसंत भाग – II

NCERT Solutions for Class VII – Chapter 7: पाठ – 7 पापा खो गए (नाटक) हिंदी वसंत भाग – II

– विजय तेंदुलकर


पृष्ठ संख्या – 60

प्रश्न अभ्यास

नाटक से

1. नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों?

उत्तर

नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र मुझे कौआ लगा क्योंकि उसने ही लड़की के पापा को खोजने का उपाय बताया। उसी की योजना के कारण लैटरबक्स सन्देश लिख पाता है।

2. पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई?

उत्तर

एक बार जोरों की आँधी आने के कारण खंभा पेड़ के ऊपर गिर जाता है, उस समय पेड़ उसे सँभाल लेता है और इस प्रयास में वह ज़ख्मी भी हो जाता है। इस घटना से खंभें में जो गुरुर होता है, वह खत्म हो जाता है और अंत में दोनों की दोस्ती हो जाती है।

3. लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे?

उत्तर

लैटरबक्स ऊपर से नीचे पूरा लाल रंग में रँगा था साथ ही वह बड़ों की तरह बातें भी करता था इसलिए सभी उसे लाल ताऊ कहकर पुकारते थे।

4. लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?

उत्तर

लाल ताऊ को पढ़ना-लिखना आता है इसलिए वो नाटक के अन्य पात्रों से भिन्न है। उसे दोहे भजन भी गाना आता है।

5. नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मजेदार लगीं? लिखिए।

उत्तर

नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र कौआ है। उसकी कुछ मजेदार बातें हैं –
• “ताऊ एक जगह बैठकर यह कैसे जान सकोगे? उसके लिए तो मेरी तरह रोज चारों दिशाओं में गश्त लगानी पड़ेगी, तब जान पाओगे यह सब।”
• “वह दुष्ट कौन है? पहले उसे नज़र तो आने दीजिए।”
• “सुबह जब हो जाए तो पेड़ राजा, आप अपनी घनी छाया इस पर किये रहें। वह आराम से देर तक सोई रहेगी।”

6. क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे?

उत्तर

सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे क्योंकि लड़की बहुत छोटी थी उसे अपने घर का पता, यहाँ तक कि अपने पापा के नाम भी मालूम नही था जिस कारण उसे घर पहुँचाना बहुत कठिन था।

पृष्ठ संख्या: 61

2. मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।

उत्तर

इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ इसलिए रखा गया होगा क्योंकि लड़की को अपने पापा का नाम-पता कुछ भी मालूम नहीं था। नाटक के सभी पात्र मिलकर उसके पापा को खोजने की योजना बनाते हैं।
इस नाटक का दूसरा शीर्षक ‘लापता बच्ची’ भी रखा जा सकता है चूँकि पूरे नाटक बच्ची के घर का पता लगाने का प्रयास किया जाता है।

भाषा की बात

1. आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है,
जैसे – ‘सड़क / रात का समय…दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज।’ यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या-क्या करेंगे, सोचकर लिखिए।

उत्तर

रात का दृश्य दिखाने के लिए हम निम्नलिखित निर्देशों का प्रयोग कर सकते हैं –
• चाँदनी रात का दृश्य है। आसमान में तारे दिख रहे हैं।
• अँधेरी रात होने के कारण सड़कें सुनसान हैं। कुत्तों के भौंकने की आवाज़ आ रही है।

2. पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिहन की ओर गया होगा।
अगले पृष्ठ पर दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है।
ध्यानपूर्वक पढि़ए तथा उपयुक्त चिहन लगाइए –
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी अरे बाप रे वो बिजली थी या आफ़त याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर काँपने लगते हैं

उत्तर

मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे ! वो बिजली थी या आफ़त ! याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था, खंभे महाराज ! अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है। अंग थरथर काँपने लगते हैं।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.